कंकाल-अध्याय -४२
गोस्वामी जी वहाँ पहुँचे तो देखते हैं, मंगल लौटा जा रहा है और यमुना बैठी रो रही है। उन्होंने पूछा, 'क्या है बेटी?' यमुना हिचकियाँ लेकर रोने लगी। गोस्वामी जी बड़े सन्देह में पड़े कुछ काल तक खड़े रहने पर वे इतना कहते हुए चले गये-किंचित् सावधान करके मेरे पास आकर सब बात कह जाना! यमुना गोस्वामी जी की संदिग्ध आज्ञा से मर्माहत हुई और अपने को सम्हालने को प्रयत्न करने लगी। रात-भर उसे नींद न आयी।